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Dharm Veer Raika

Abstract

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Dharm Veer Raika

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ए दिल तेरी साजिश बता दें

ए दिल तेरी साजिश बता दें

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ए दिल तेरी साजिश बता दे

क्या करूं मैं बेचारा लला।

तुम रुकता नहीं प्यार की गालियों में,

शब्दों को लिखता चलता पन्नो में,

आंखें मिलाने को चलता है,

शर्मा कर वापिस झुक जाता है,

ए दिल तेरी साजिश बता दे।


किसको तुम पसंद करते हो,

किसका तुम श्रृंगार करते हो

रात को सपने किसके आए,

दिन में बैचेन किसके लिए,

कौन है जो तेरी चाहत है,

ए दिल तेरी साजिश बता दे।


कौन है जो तेरी लाल दूपटे वाली,

कौन है जो चांदनी तेरी,

किस पर तुम हावी हुए मुरझाये,

कभी खो जाते हो यादों में,

कभी आंसु बहाते हो बोल...

ए दिल तेरी साजिश बता दे।


तेरे पसंद का कपड़ा बता दे ,

तेरे पसंद की बिंदी बता दे,

तुझे भाए वो नाम बता दे,

किसके साथ तेरे नैनो से नैन मिले हैं,

क्या करूं क्या करूं क्या करूं,

ए दिल तेरी साजिश बता दे।


रात को पूछू या दिन को,

प्रभात पूछूं या संध्या,

कब तुम बताओगे बता ना,

इंतजार से थकान खरोंच रही है

हेलो दिल!! तेरा हाल बता दे !

ए दिल तेरी साजिश बता दे।


कब से तुम खोए हो,

वादे कब से किए हो,

कुछ बात है तो कान में बता दे,

मैं तेरा हमसफर हूं बता ना,

ए दिल तेरी साजिश बता दे।


देख देख के आंखे थमी,

सुनने को कान थमे,

चलते चलते पैर थमे,

यादों में इंतजार थमे,

क्या क्या थामयेगा तुम,

ए दिल तेरी साजिश बता दे ।


क्या चाहते हो मेरे से ,

कुछ पाना है तो क्या?

तुम ख़ामोश होकर बैठे हो,

क्यों क्या ,क्यों क्या प्रश्न कर रहा हूं,

ए दिल तेरी साजिश बता दे ।



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