आजकल वे कटे से रहते हैं
आजकल वे कटे से रहते हैं
ठंड में लब फटे से रहते हैं
आजकल वे कटे से रहते हैं,
दूर कितना भी चले जायें पर
दिल व साँसों से सटे रहते हैं।
कभी करीब आते हैं फिर
कभी दूर हटे रहे रहते हैं,
नैन अपने भी हठीले से हैं
हर घड़ी उन में डटे रहते हैं।
