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Dharm Veer Raika

Classics

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Dharm Veer Raika

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बा धरती नागौरी

बा धरती नागौरी

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अमर सिंह जैड़ा वीर अठे,

बैल जैड़ा शरीर अठे,

बा नागौरी वीरता रा गुणगान अठे,

बा खिंचिया री जायल अठे,

बा धरती नागौरी..............।


पाबूजी री बहना रा नीर अठे,

तेजा जी जैड़ा पीर अठे,

बा नागौरी शुरा री धरती ,

पल पल में गुणगान करती ,

बा धरती नागौरी..............।


बो नागौर रो अमरसिंह ,

बो जोधपुर रो जसवंत सिंह,

जबर जौड़ी जमाई रे भाइयां,

थांकी दिल्ली तक चली लड़ाईयां,

बा धरती नागौरी..............।


बा मेड़तणी मीरा रा ,

करती गुणगान भीरा रा,

पिगी विष का प्याला,

करती भक्ति कृष्ण ग्वाला,

बा धरती नागौरी..............।


बे अमरया युद्ध में गुंजता हा,

दुश्मन उनके सामने दूजता हा,

शाहजहां जैड़ा के झुक्या नहीं,

जब तक शरीर रहा तब तक रुक्या नहीं।

बा धरती नागौरी..............।


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