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Satyendra Gupta

Romance

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Satyendra Gupta

Romance

ए जी सुनिए ना , आइएगा नहीं

ए जी सुनिए ना , आइएगा नहीं

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ए जी सुनिए ना , आइएगा नहीं

बहुत दिन हो गया, घुमाइएगा नहीं

रेस्टोरेंट जाने का मन कर रहा है

वहां का खाना खिलाइएगा की नहीं

ए जी सुनिए ना , आइएगा की नहीं।


ए जी सुनिए ना, होली आ गया

का विचार है रंग अबीर लगाइएगा की नहीं

याद आपकी आ रही है बहुत

छुट्टी में घर आइएगा की नहीं

ए जी सुनिए ना , आइएगा की नहीं।


ए जी सुनिए ना , साड़ी पुराना है

नई साड़ी खरीद दीजिएगा की नहीं

साड़ी के साथ साथ खुद आइएगा की नहीं

पिछले होली की मस्ती याद आ रही है

वही याद दुबारा दोहराइयेगा की नहीं

ए जी सुनिए ना होली में आइएगा की नहीं।


भभरा ,पूरी, पुआ, दाहिबारा मिलकर बनाएंगे

मिल बैठ इस बार साथ में खायेंगे की नहीं

पापा और मां की चरणों में अबीर रखकर

उनका आशीर्वाद लीजिएगा की नहीं

ए जी इस बार होली में आइएगा की नहीं

आइए ना , घर में होली का माहौल बनाइए ना

इस होली में आइए ना ,दिल वाली रंगोली बनाइए ना



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