ग्राम बुकरू ,जिला रांची, झारखंड का रहने वाला हूं। बस अपनी सोच और ख्यालों को कविता का रूप देने का प्रयास करता हूं। मैं साधारण हिंदी शब्दों का प्रयोग करने का प्रयास करता हु।
जब आ जाए करोड़ों जैसे बीमारी तब उन्हें अपनी गांव की याद आते है। जब आ जाए करोड़ों जैसे बीमारी तब उन्हें अपनी गांव की याद आते है।
पिछले होली की मस्ती याद आ रही है वही याद दुबारा दोहराइयेगा की नहीं पिछले होली की मस्ती याद आ रही है वही याद दुबारा दोहराइयेगा की नहीं
रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट जब हो जाओ अपने जीवन से हताश। रिस्टार्ट ,रिस्टार्ट, रिस्टार्ट करो रिस्टार्ट जब हो जाओ अपने जीवन से हताश।
कोई न रहा साथ में मेरे कौन था साथ भी मेरे ? कोई न रहा साथ में मेरे कौन था साथ भी मेरे ?
ये दोहा चरितार्थ थे जिन्होंने लिखा है थकना हारना भारत ने नही सीखा है। ये दोहा चरितार्थ थे जिन्होंने लिखा है थकना हारना भारत ने नही सीखा है।
ये आंसू मेरे नहीं जो मेरी आंखों से बह रहे है ये आंसू भी तुम्हारे है ,तुम्हें देखकर निकल रहे है ये आंसू मेरे नहीं जो मेरी आंखों से बह रहे है ये आंसू भी तुम्हारे है ,तुम्हें ...
पिता का समझदारी वरदान है , हो जाता पुत्र का तब अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता पुत्र का। पिता का समझदारी वरदान है , हो जाता पुत्र का तब अनमोल हो जाता है रिश्ता पिता प...
बाहर से घर आकर मन लगेगा क्या बेटी कैसे करूँ तुम्हारी बिदाई बेटी। बाहर से घर आकर मन लगेगा क्या बेटी कैसे करूँ तुम्हारी बिदाई बेटी।
हरेक रिश्ते को पाया, साथ भी पाया हर रिश्तों का जीवन की हर राह पे, रहा साथ हर किसी का। हरेक रिश्ते को पाया, साथ भी पाया हर रिश्तों का जीवन की हर राह पे, रहा साथ हर...
मत भूलना मुझे क्योंकि सुखद अहसास हूँ मैं मत भूलना मुझे क्योंकि सबको बुलाऊंगी मैं मत भूलना मुझे क्योंकि सुखद अहसास हूँ मैं मत भूलना मुझे क्योंकि सबको बुलाऊंगी ...