वह कौन है?
वह कौन है?
वह कौन है ?
वह अथाह गहराइयों का शिखर है ,
वह सबसे अंधेरे समय में आश्वस्त करने वाला हाथ है ,
वह बेबसी के तरकश में संकल्प का तीर है ,
वह आकांक्षाओं के दायरे में एक उपलब्धी का द्वार है ।
वह कौन है?
घृणा की आंधी में वह प्यार की एक बूँद है ,
असफलताओं की दुनिया में वह एक विश्वास की छलांग है ,
निराशा की सूर्यास्त में वह आशा की सुबह है ,
वह अवज्ञा के जंगल में एक आज्ञाकारिता की जड़ है ।
आखिर वह कौन है ?
वह अनंत की सीमा है ,
वह एक अपरिभाषित की परिभाषा है ।
वह ईश्वर है ।
