मजबूत मैं और मेरा कल
मजबूत मैं और मेरा कल
हो रही दुनिया तेजी से अलग,
अडिग चट्टान की तरह खड़ी मुसीबतें।
दूर कर सकती मेरी चिंताओं और शंकाओं को ,
यह महसूस करते हुए कि जरूरत थी मुझे जिस 'डनकर्क स्पिरिट' की ,
रहता था हर समय मुझमें हमेशा ।
खुद चलने की कोशिश में,
मेरी अलमारी के रहस्यों को चुपचाप फुसफुसाते हुए।
समंदर की लहरों की तरह धडकता रहा,
कठोर छाती ने मुझे पीछे धकेल दिया,
असफलताओं ने मुझे और अधिक मजबूत बना दिया।
साहस जुटाना,
बार-बार आते-जाते रहे।
आखिरकार!
जब सच्चाई के आईने से धूल धुल गई,
मेरी कोशिशों का असर रंग दिखने
लगा।
रोशन करने लगी प्रकाश की धारा मेरे पथ को ।
हवा से भी तेज लग रहा है,
सबसे मजबूत प्रहार की आग की तुलना में गहरे बैठे महसूस करना।
दर्द की तुलना में बहुत अधिक 'हर्कुलियन' अलंकृत करना महसूस हो सकता है;
लोगों की कृपालु टिप्पणियों के लिए 'एवरेस्ट' बनना;
कपटी खोखले नियमों से प्रेरणादायी बनना।
दर्द अब मेरे टिकर में नहीं ;
मैंने खुद को संरक्षक होने का व्यवहार किया,
जो गुजरा है कई मुश्किलों से ।
मुझे पता है कि मैं कर सकता हूं
और मुझे यकीन है कि मैं...
प्रकाश की धारा की तरह बहो;
क्योंकि कल मेरा शिखर है।