मैं किस बारे में असुरक्षित हूं?
मैं किस बारे में असुरक्षित हूं?
मैं किस बारे में असुरक्षित हूं ?
क्या यह मेरी कर्कश आवाज है ?
या आँसू जिससे दूसरे आनन्दित हों ?
क्या यह मेरा भुलक्कड़ व्यवहार है ?
या वे चीजें जिन्हें मैं याद करने के लिए तरसता हूं ?
क्या यह मेरी कुटिल मुस्कान है जिसे मैंने मना किया है ?
या कितनी सहजता से मैंने अपना दुख छुपाया ?
मैं किस बारे में असुरक्षित हूं ?
लेकिन आज,
मैं अपनी असुरक्षाओं को वीटो करने वाले
विचारों के साथ जाग गया,
मेरे जमानतदारों की जीत की घोषणा।
मेरे विचार अब स्पष्ट हैं,
मुझे शांत भाव से भर दो।
मैं सार के साथ पूरे दिल से हंसता हूं,
और अब मेरे वजूद पर सवाल नहीं उठाता !
