अनिर्वचनीय माँ की ममता
अनिर्वचनीय माँ की ममता
कोई भी मुखर मां के प्यार को खुलकर व्यक्त नहीं कर सकता,
जो सब से ऊपर घोर भक्ति और आहुति से निर्मित है।
वह पहली बस्ती है जहाँ किसी बच्चे ने बोली लगाई है,
वह ईश्वर की पूर्व-प्रतिष्ठित निविदा है जो कभी प्रदान की गई है।
उसकी प्रीति चांदनी की तरह है, जो कठोर चीजों को सुंदरता में बदल देती है,
जो आने वाले युगों के कर्तव्य के लिए हमारी कमर कसती है।
वह हमारे दिनों को इंद्रधनुषी रोशनी से भर देती है,
हमारे भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए एक कोमल मुस्कान देती है।
जब भी हम गिरते हैं वह एक मजबूत तकिया बन जाती है।
वह कुशल कुम्हारों के समूह की तरह है,
जो जानती है कि कैसे एक बेहतर उपस्थिति देनी है।
हम गाइड के लिए उस पर अपनी आँखें दावत देते हैं
वह गैर-परिपूर्ण उपहार है
इस सिस्टोल और डायस्टोल की सवारी में।