भारत देश हमारा
भारत देश हमारा
भारत देश हमारा प्यारा
हमको इसपर अभिमान है
इसकी मिट्टी में खेले-बसे
इससे ही अपनी पहचान है..
जैसा भी अपना देश सखे
यहीं हमें मिलता आराम है
यहीं की भोर सुहानी लगती
अपनत्व की अद्भुत शाम है
प्रेम भावों से रहते मिलजुल
करुणा सहयोग की जान है..
अन्न उगाता किसान यहाँ
सरहद पर रहे जवान यहाँ
क्षति पहुँचाते है स्वदेश को
है अवरोध कुछ लोग यहाँ
देश की प्रगति में बाधक से
चोरी से आए हुए मेहमान हैं..
कुछ अपने भी बड़े अनोखे
हैं द्वेष भाव में अद्भुत चोखे
हैं ऐसों को कहते हम गद्दार
बंद चित के ये रखते झरोखे
देशी अन्न जल मिट्टी से धोखा
बेज़मीर अंधे पागल बेमान है..
देश का कर्ज चुकाने ख़ातिर
कितने ही वीरों ने प्राण गंवायें
मातृभूमि की सेवा सुरक्षा में
लहू से माँ भारती को सजायें
देश से ही देशनिवासियों की
होती आन-मान और शान है।
