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Azad Patel

Inspirational

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Azad Patel

Inspirational

जीवन के अंधेरे में, रोशनी दिखा

जीवन के अंधेरे में, रोशनी दिखा

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मेरे भीतर का शिक्षक ,

व्यथा सुनाता है;

बीत गया दौर सम्मान का,

अब भय से थर्राता है।


ऊँची -ऊँची अट्टालिकाओं से,

उसका मन घबराता है।

छोटे -छोटे गुरूकुलुओं को।

भूल न पाता है।

मेरे भीतर का शिक्षक

व्यथा सुनाता है।


ज्ञान अर्जन बहुत किया ,

फिर भी अज्ञानी कहलाता है।

अर्थ का लोभ उसे भी,

ऐसा सुनने में आता है।

मेरे भीतर का शिक्षक—-

कभी चाण्यक ,आर्यभट्ट

कभी कृष्नन् स्मरण हो आता है।

व्यवस्थाओं से लड़ता -भिड़ता,

स्वयं को आज भी पाता है,।



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