वृद्ध बनो रणवीर
वृद्ध बनो रणवीर
वृ्द्धावस्था ऐसे आई जैसे कोई चोर
अंतर्मन ने दी है दस्तक जाना है उस ओर
आगे कैसा जीवन होगा मन मे प्रश्न हज़ार
नये पुराने साथी मिलकर करेंगे बेड़ा पार
करना है अब मन को संयत निर्मल और सुधीर
भर लो जीवन मे तुम अपने रंग नये रणवीर
ढूंढो एक नयी दिनचर्या और नया आयाम
बनो सबल तुम छोड़ो चिंता कर नियमित व्यायाम
सुबह सवेरे सैर करो, लो खुली हवा मे सांस
मैराथन मे दौड़ लगाकर हो जाओ बिंदास,
स्नान ध्यान कर पूजा पाठ से लो प्रभु का नाम
यही समय है अब तुम कर लो थोड़ा सा जलपान,
अल्पाहार मे सोच समझ कर खाओ फल और सीड
हरी सब्ज़ियाँ लक्ष्य तुम्हारा छोड़ो पीज़ा चीज़
दाल व रोटी सबसे उत्तम भोजन है हम सब का
छोड़ो उत्तेजक व्यंजन को यही हमारी जीत
भेद भाव से बच कर चलना सभी हमारे साथी
जात पात से बैर हमारा हम सब भारत वासी
साथ रहेंगे संग चलेंगे सबसे श्रेष्ठ चरित्र
समय समय पर अवलोकन कर ढूँढो सच्चा मित्र
याद करो युवावस्था को, किस मे थे पारंगत
करो प्रयास निकालो स्वर फिर अब है पूरी फुर्सत
खेल कूद मे तुम थे अव्वल कर लो तुम तैय्यारी
प्रतिस्पर्धा मे भाग है लेना अब है अपनी बारी
नई परीक्षा देनी सबको कितने हो तैय्यार?
लेखा जोखा इस जीवन का रखता पालनहार
मृदु वचन ही बोलो सबसे करो न दुर्व्यवहार
करो दान संपत्ति उनको जो इसके हकदार।
