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deepak gupta

Inspirational

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deepak gupta

Inspirational

नया सवेरा

नया सवेरा

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बीते साल सपनों की तरह सुनहरे,

आंखों के सामने कुछ ऐसे गुज़रे,

मानो समा गया मानस पटल में,

जीवन का दर्पण  कुछ पल में।


चन्द खुशी के लम्हे, कुछ पुरानी यादें,

कुछ पन्ने डायरी के, कुछ मीठे अहसास,

हर पड़ाव पर बने कुछ मित्र नए,

पिरोया एक माला में, लगाया गले।


बढ़े कदम 60-70 की ओर,

ढूंढ़ते नया शहर, नया बसेरा, 

नई शाम, नया सवेरा,

देना है अब जीवन को ठहराव।


और मिली एक नई पहचान,

वरिष्ठ नागरिक कहलाते हम,

फिर एक नया पड़ाव, नये मित्र,

नये मोती पिरोए, कुछ बने हमदम।।



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