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deepak gupta

Classics

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deepak gupta

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हमारे पूर्वज

हमारे पूर्वज

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बस एक बिन्दु मात्र से

हुआ जन्म ब्रम्हांड का,

 कहते सब वैज्ञानिक 

करें शोध आकाश का,


जल वायु आकाश धरा सब

जीवन के अनुकूल प्रमाण,

पृथ्वी पर प्रारंभ हुआ

 जीवन का निर्माण,


पशु पक्षी पेड़ और पौधों

मे किसने डाले प्राण,

है विचित्र यह जीवन लीला

न मिलता कोई प्रमाण,


प्रकृतिक नियमो के द्वरा 

रचा गया नया संसार 

जिसमे थे पशु पक्षी 

और जीव जंतु हज़ार,


कुछ अत्यंत विशाल मगर

कुछ नन्हे और असहाय,

बने अशक्त बड़ो का ग्रास

 यही सत्य है नही उपहास,


काल चक्र ने ली करवट 

तांडव लाया घोर प्रलय,

धरती मे विध्वंश हुआ

जल थल धरती हुए विलय,


हुआ जन्म एक मानव का

अलग अनूठा और अपूर्ण,

आज के मानव से भी भिन्न 

कहां से उपजा इसका भ्रूण,


कौन थी माता कौन पिता

शोधकार्य का बना विषय,

डार्विन ने लिखा इतिहास 

खोजें पूर्वज करें प्रयास,


युगों पुराने थे अवशेष 

पाए जाते यहां वहां,

इस अर्ध मानव का 

कंकाल मिले जहां,


क्या बंदर से उत्पन्न हुई

सब मानव जाति विशेष,

शनः शनः परिवर्तन आया

 मानव का जिनोम बनाया ,


चिम्पांज़ी और बोनोबो का

 हमसे डीएनए बड़ा निकट, 

असमंजस मे हम कौन हमारे 

पूर्वज थे यह प्रष्न बड़ा विकट, 


नहीं है बंदर नहीं बोनोबो

नहीं है चिम्पांज़ी

ईश्वर की इस रचना का

पा न सके हम भेद।


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