bhandari lokesh
Classics Fantasy Inspirational
एक
जन्मदिन मुबार...
मिलेंगे मिलें...
हैलो कौन?
तू नहीं तो कौ...
बहाना क्यूँ ?...
बहाना क्यूँ ब...
अनसुनी ~प्रेम...
स्टेथस्कोप वा...
अगर तुम सावन ...
भौतिकवाद की इस आँधी में उजड़ी हर परिपाटी गुम। भौतिकवाद की इस आँधी में उजड़ी हर परिपाटी गुम।
सबके प्रयास से वो दिन दूर न होगा, जब भारत बनेगा फिर से स्वर्ण-तारा। सबके प्रयास से वो दिन दूर न होगा, जब भारत बनेगा फिर से स्वर्ण-तारा।
गोऊ रस पीती ताल की। जय कन्हैया लाल की। गोऊ रस पीती ताल की। जय कन्हैया लाल की।
पाखण्डों से न तो दिव्या आती है न ही इसका रास्ता साफ होता है। पाखण्डों से न तो दिव्या आती है न ही इसका रास्ता साफ होता है।
कृष्णा के आने की आश में यूँ ही ये जहान है बिलखता, राही राह बदल देता है राहें यूँ मुड़ती कृष्णा के आने की आश में यूँ ही ये जहान है बिलखता, राही राह बदल देता है राहें ...
और चल रहा नेताओं द्वारा जनता की तिजोरियों पर वार। और चल रहा नेताओं द्वारा जनता की तिजोरियों पर वार।
ना कभी हम डगमगायेंगे हम हिंदुस्तानी हैं और हिन्दुस्तान हमारा है। ना कभी हम डगमगायेंगे हम हिंदुस्तानी हैं और हिन्दुस्तान हमारा है।
लाल चौक से लाल किला का सफर बनाया है आसान मैं भारत का वीर जवान। लाल चौक से लाल किला का सफर बनाया है आसान मैं भारत का वीर जवान।
आसमान में प्यारा कौन, सूरज चांद और सितारे, आओ बैठ कर ये हम सोचे-विचारे। आसमान में प्यारा कौन, सूरज चांद और सितारे, आओ बैठ कर ये हम सोचे-विचारे।
पूछो सवाल अपने वजूद से, यूँ ही किधर चला हूँ में ? पूछो सवाल अपने वजूद से, यूँ ही किधर चला हूँ में ?
ढोल मृदंग बजे शहनाई। गोकुल में जन्मे कृष्ण कन्हाई... ढोल मृदंग बजे शहनाई। गोकुल में जन्मे कृष्ण कन्हाई...
हमारी इंडियन आर्मी हैं गर्व से हाथ उठते हैं उन्हें सॅल्यूट करने। हमारी इंडियन आर्मी हैं गर्व से हाथ उठते हैं उन्हें सॅल्यूट करने।
कृष्ण राधिका के संग मिलकर निधि बन में यूँ महारास करतं हैं। कृष्ण राधिका के संग मिलकर निधि बन में यूँ महारास करतं हैं।
मैं जल रही हूं पिघल रही हूं, नये सांचे में ढल रही हूं। मैं जल रही हूं पिघल रही हूं, नये सांचे में ढल रही हूं।
दर्शन देने आओ ना कान्हा तुम फिर से आओ ना ! दर्शन देने आओ ना कान्हा तुम फिर से आओ ना !
आँगन में दो दीप ज्यादा उस दिन जगमगायेंगे। आँगन में दो दीप ज्यादा उस दिन जगमगायेंगे।
बदला ले लो उस बार का तुम, उन वीरों का सम्मान करो। शहीदों के बलिदानों को, प्रतिदिन तु बदला ले लो उस बार का तुम, उन वीरों का सम्मान करो। शहीदों के बलिदानों को, ...
सिकोड़े पंख-सी बैठ गयी अब, अब नहीं दिखुंगी मैं लुप्त हुईं। सिकोड़े पंख-सी बैठ गयी अब, अब नहीं दिखुंगी मैं लुप्त हुईं।
ये राधा तो थी बस तुम्हारी दर्श दीवानी फिर क्यूं ना आए तुम कभी वापिस लौटकर। ये राधा तो थी बस तुम्हारी दर्श दीवानी फिर क्यूं ना आए तुम कभी वापिस लौटकर।
समझ उनमें भी है हमारी तरह संघर्ष करते है वो भी हर जीव की तरह। समझ उनमें भी है हमारी तरह संघर्ष करते है वो भी हर जीव की तरह।