रंग
रंग
होली में एक रंग हो
तेरे गांव से,
कुछ गुलाल मैं भेजूं
अपने गांव से,
एक दिन ऐसा आए
अपने हाथों से लगाऊं
फिर तेरे रंग में मैं
खुद भी रंग जाऊं!!
गुझिया सी मिठास
भर जाए रिश्ते में
भांग वाली छाछ मेरे
मिठाई तेरे हिस्से में
एक दिन ऐसा आए
अपने हाथों से खिलाऊं
फिर तेरे रंग में मैं
खुद भी रंग जाऊं!!
ऐसा चढ़े रंग
तुझपर मेरे प्यार का,
हर रंग फीका लगे
तेरे आगे संसार का
एक दिन ऐसा आए
अपने हाथो से सजाऊँ
फिर तेरे रंग में मैं
खुद भी रंग जाऊं!!