तन तूने रँग डाला मेरा
तन तूने रँग डाला मेरा
तन तूने रँग डाला मेरा
अब मन भी रँग डाल सँवरिया
लाल बैंगनी नीला काला
ऐसा डाल गुलाल सँवरिया।
रँग लगाकर एक दूजे को
आओ मिलकर खेलें होली
प्रीत रँग में भींग जाएँ हम
आओ वो मेरे हमजोली
मुझको आज रँग लगाने में
मन संकोच न पाल सँवरिया
तन तूने रँग डाला मेरा
अब मन भी रँग डाल सँवरिया।
मधुर मिलन का यह पल होता
आओ मिलकर झूमे गाएँ
पकड़- पकड़कर आज सभी को
रँगों से हम सभी नहलायें।
मैं भी तुझको रँग अब डालू
तू भी रँग दे गाल सँवरिया
तन तूने रँग डाला मेरा
अब मन भी रँग डाल सँवरिया।
होली का हुड़दंग बहुत है
मस्ती में झूमे हैं सारे
नाच रहे हैं साथी देखो
तुम भी थोड़ा सा अब गा रे
पान भाँग का करके देखो
बदली तेरी चाल सँवरिया
तन तूने रँग डाला मेरा
अब मैंने भी रँग डाल सँवरिया।।
तरह-तरह पकवान बने हैं
आओ मिलकर हम सब खाएँ
फगुआ का खूब रँग चढ़ा है
मिलकर सब आनंद उठाएँ
तुमको रँगकर मैं तो देखो
कितना हुई निहाल सँवरिया
तन तूने रँग डाला मेरा
अब मन भी रँग डाल सँवरिया।।