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Nisha Gupta

Romance

4.7  

Nisha Gupta

Romance

पायल छनक गई

पायल छनक गई

1 min
591


फाग आया है निराला 

तूने कैसा रंग डाला

पायल छनक गई 

मन हुआ मतवाला।


पिया भर पिचकारी

प्रेम रंग तूने मारी 

बावरी चुनर मेरी

इत उत उड़ गई ।


लाल,गुलाबी किनी

भीगी साड़ी, भीगी चोली

रंग सारे धुल गए

प्रेम रंग छूटे नहीं ।


सखियाँ भी छेड़ रही

इत उत मोड़ रही

पवन झकोरे संग

मन पिंग बढ़ रही ।


मन में हिलोर उठे

पिया पास आये मोरे

पिया मन रंग डाले

फागुन ने डाले डोरे ।


मैं तो संग चलूँ तेरे

मन में बसा तू मेरे

अब छोड़ जाना नहीं

मुझको सताना नहीं ।


कजरा न नैन सोहे 

बिन तेरे शृंगार नहीं 

गजरा महक खोए

पिया तरसाना नहीं ।


विरह बुरी है पिया

हर पल धड़के जिया

तुम पास जो न मेरे

फाग सावन सभी सूने ।


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