होली के हुलियारे
होली के हुलियारे
नीला पीला हरा गुलाबी बरस रहा है रंग
होली के हुलियारों संग भीग गया अंग अंग ।
हुड़दंगों ने मिलकर फिर ऐसी होड़ मचाई
कहीं उड़े गुलाल हवा में कहीं रंग बरसाई ।
थिरकन लागी मौन की भाषा पिय नैन के संग ।
नीला पीला हरा गुलाबी बरस रहा है रंग
होली के हुलियारों संग भीग गया अंग अंग ।।
भीग गया है तन मन मेरा सपने हुए मलंग
साजन मेरे पास रहो तुम,प्रेम अगन लगी मन
दिन सोने से चमक रहे हैं,रात पिया के संग ।
नीला पीला हरा गुलाबी बरस रहा है रंग
होली के हुलियारों संग भीग गया अंग अंग ।।
बेरी चाँद जलाए तन को,सजन नहीं जो पास
हर आहट पर जग जाती है मधुर मिलन की आस ।
मुझ विरहन को साजन अब ले जाओ अपने संग ।
नीला पीला हरा गुलाबी बरस रहा है रंग
होली के हुलियारों संग भीग गया अंग अंग ।।