STORYMIRROR

Kajal Manek

Inspirational Others

4  

Kajal Manek

Inspirational Others

अल्हड़ सी नदियां

अल्हड़ सी नदियां

1 min
333

आँगन में बेटियां हैं

अल्हड़ सी ये नदियां हैं


चहकती जैसे बाग में

खिली हुई ये बगिया हैं


रहती अपनी मौज में

करती मन की खोज है


तोड़ती ये समाज की बेड़ियां हैं

अल्हड़ सी ये नदियां हैं


इसी के दम से रौनक घर की

इसने खुद कम में भी गुजर की


तोड़ती ये दकियानूसी हथकड़ियां हैं

अल्हड़ सी ये नदियां हैं


निकली है अकेले ही खुद की खोज में

खुद को जानने का है सुरूर


ये अल्हड़ नदियां कहती हैं

जैसे इन्हें इनका सागर मिलेगा जरूर


दुःखों का पहाड़ टूटने पर भी ढूंढती ये खुशियां हैं

अल्हड़ सी ये नदियां हैं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational