नहीं फ़िक्र है कहाँ है जाना बस सीखा है बढ़ते जाना गिरती हूँ पर गिरी नहीं हूँ नहीं फ़िक्र है कहाँ है जाना बस सीखा है बढ़ते जाना गिरती हूँ पर गिरी नहीं हू...
हिलोरें लेती सजनी। नागिन सी बल खाय, पिया को भाती सजनी हिलोरें लेती सजनी। नागिन सी बल खाय, पिया को भाती सजनी
बचपन कितना अल्हड़,चंचल होता है, ना भूख ना प्यास,ना कोई चिंता। बचपन कितना अल्हड़,चंचल होता है, ना भूख ना प्यास,ना कोई चिंता।
और खयालों में... अपने चांद को बुलाती हो हरदम मुक्कमल सा हुआ लगता था उसका हर बात में होना एक परवा... और खयालों में... अपने चांद को बुलाती हो हरदम मुक्कमल सा हुआ लगता था उसका हर ब...
कभी उठती बैठती, मटकती अल्हड़ चली हो तुम कभी उठती बैठती, मटकती अल्हड़ चली हो तुम
थोड़ी अभिमानी हूँ थोड़ी स्वाभिमानी हूँ थोड़ी अभिमानी हूँ थोड़ी स्वाभिमानी हूँ