रख दिये हैवान ने दोनों खिलौने तोड़कर। देखने वाला समूचा दृश्य सारा मैं ही था। एक लज्जा के तले जो दब रह... रख दिये हैवान ने दोनों खिलौने तोड़कर। देखने वाला समूचा दृश्य सारा मैं ही था। एक ल...
बहुत दूर आ चुका है अब हर कोई हर कोई...वक्त से आगे निकल रहा है। बहुत दूर आ चुका है अब हर कोई हर कोई...वक्त से आगे निकल रहा है।
सब परी कथायें छुटपन की, हँसी ठिठोली बचपन की सब परी कथायें छुटपन की, हँसी ठिठोली बचपन की
यार क्या बचपना था वो भी, यार क्या बचपना था वो भी,
बचपन को सहलाते हैं जीवन को जगाते हैं फिर सेI बचपन को सहलाते हैं जीवन को जगाते हैं फिर सेI
अपनों को खो कर खुद को यूँ तोड़ कर। अपनों को खो कर खुद को यूँ तोड़ कर।