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Bhawna Vishal

Children Stories

3  

Bhawna Vishal

Children Stories

बचपन की यादें

बचपन की यादें

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दुर्लभ यादें हैं जीवन की,

हँसी ठिठोली बचपन की।

वो नीम-निम्बोली घना कुंज,

चिड़ियों की चहक,कोयल

की गूंज,

नित मधुर सुवासें मधुबन की,

हँसी ठिठोली बचपन की।


चुटकुले, कहानियाँ और किस्से,

हँसते -मुस्काते थे जिससे,

सब परी कथायें छुटपन की,

हँसी ठिठोली बचपन की।


वो खेल खिलौने और गुड़िया,

थी चाँद पे बैठी इक बुढ़िया,

नित नई उड़ाने थी मन की,

हँसी ठिठोली बचपन की।


अम्मा बाबा का वो दुलार,

दादी-नानी का लाड़-प्यार,

और महक सुहानी आंगन की,

हँसी ठिठोली बचपन की।



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