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Ashwani Gupta

Abstract

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Ashwani Gupta

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आजमाते हैं

आजमाते हैं

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दिल पे पत्थर रख कर हम 

दूसरों का दिल बहलाते हैं।


कोई क्या समझेगा,

दिल कितना रोता है जब 

होठों से बेवजह मुस्कुराते हैं।


फिर भी वो ही कृतघ्न लोग 

मौका पाकर हमें ही आजमाते हैं।


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