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Sonam Kewat

Abstract

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Sonam Kewat

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रिश्ते

रिश्ते

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जिंदगी में हर रिश्ता एक सा नहीं होता 

कुछ रिश्ते हैं जिनके मायने अलग है 

किसी ने हमें इस दुनिया में लाया तो 

किसी ने बताया जीना भी एक तलब है


हूँ मैं तनहा आज जिंदगी की राहों में

यहाँ कोई साथ साथ चलता नहीं है 

मैंने हर किसी का साथ दिया था पर 

वक्त पर कोई साथ यहाँ मिलता नहीं है 


इन रिश्तो में एक गहरा सा दर्द छुपा है

जो दिखता नहीं लेकिन महसूस होता है 

हां बिलकुल जब दिल फूट-फूटकर 

अंधेरे कमरे में बैठकर अकेले रोता है


मत बयां किया करो ये दर्द सभी से 

जाने कौन मजाक करके निकल जाए 

यहाँ सबका दिल मोम का नहीं होता 

जो दर्द को देखकर ही पिघल जाए


रिश्तो के नाम अनेक होतें होंगे पर 

काम तो सिर्फ कुछ लोग ही आते हैं 

अगर तुम कुछ नाम कर लेते हो तो

लोग खुद तुम्हें अपना रिश्तेदार बताते हैं


अजीब है यह रिश्तो की आंख मिचोली 

कभी रिश्तो के साथ जीना सिखाते हैं 

जिंदगी के इम्तहान में साथ नहीं देते

और हम जीना इनके बिना सीख जाते हैं।


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