परिवार
परिवार
जिनका परिवार होता है
उनका सुखी संसार होता है
हर खुशी उन्हें मिल जाती है
उनका हरदिन त्योहार होता है
गम की छाया छू नही पाती है
उजाला का यहां हार होता है
जिनका परिवार होता है
उनका सुखी संसार होता है
अनुभव के वो भंडार है
परिवार के वो तारणहार है
दादाजी से ही
हर समस्या का समाधान होता है
दादी है, परिवार की सुनहरी वादी
इनकी रजा बिना
नही होती है किसी की शादी
दादी से परिवार का,
हर फैसला होता है
जिनका परिवार होता है
उनका सुखी संसार होता है
पिता परिवार की रीढ़ की हड्डी है
पिता पर नींव का भार होता है
परिवार की होती वो जान है
बिना इसके पूरा परिवार बेजान है
माता से परिवार में,
संस्कारो का निर्माण होता है
जिसके साथ खेलते है
जिससे लड़ते-झगड़ते है
वो भाई दुनिया मे सच्चा यार होता है
एक भाई सच्चा सलाहकार होता है
जिनका परिवार होता है
उनका सुखी संसार होता है
बहिन बिना परिवार अधूरा है
बहिन से होता परिवार पूरा है
बहिन से मर्यादा का आचार होता है
बहिन से परिवार में हरदिन
हंसी-खुशी का वार होता है
बहिन का सच्चा व्यवहार होता है
जिनका परिवार होता है
उनका सुखी संसार होता है
सबको अपना बना लेती है
कांच को हीरा बना देती है
उससे ही परिवार परिवार होता है
पत्नी से ही,
परिवार का निर्माण होता है
परिवार की हलचल,
बच्चों की कलकल
बाल-गोपाल ही,
परिवार का श्रृंगार होता है
जिनका परिवार होता है
उनका सुखी संसार होता है।