रामायण
रामायण
लक्ष्मण के लिए
सेवा ही जीवन व्रत था।
उर्मिला के लिए
त्याग ही जीवन धर्म था।
भरत के लिए
सदाचार ही सेवक धर्म था।
दशरथ के लिए
वचन - पालन ही मर्यादा थी।
राम के लिए
प्रजारंजन ही जीवन- कर्तव्य था।
कविता के संबंध में 10 शब्द -
त्याग, सेवा ही धर्म है
प्रजा-हित ही राज धर्म।
