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Gajanan Pandey

Abstract

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Gajanan Pandey

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रामायण

रामायण

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लक्ष्मण के लिए

सेवा ही जीवन व्रत था।

उर्मिला के लिए

त्याग ही जीवन धर्म था।


भरत के लिए

सदाचार ही सेवक धर्म था।

दशरथ के लिए

वचन - पालन ही मर्यादा थी।


राम के लिए

प्रजारंजन ही जीवन- कर्तव्य था।


कविता के संबंध में 10 शब्द -

त्याग, सेवा ही धर्म है

प्रजा-हित ही राज धर्म।


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