थोड़ा करीब आके तो देख
थोड़ा करीब आके तो देख
मेरे थोड़ा करीब आके तो देख,
मेरी नजरों से नजरें मिला के तो देख,
मेरी आह तेरे कानों तक जाएगी ज़रूर,
तू थोड़ा और मुझे तड़पा के तो देख।
तुझे मुझसे प्यार नहीं, पता है मुझे,
तुझे मुझसे नफ़रत है, पता है मुझे,
तुझे मौका मिला है, मौके का फायदा उठा,
ज़मीन पर इन पत्थरों को थोड़ा उठा के तो देख।
मुझे हैरानी नहीं होगी अपने लहू को देखकर,
तुझे हैरानी नहीं होगी मेरी हंसी को देखकर,
दोनों को ख़बर है अपने-अपने हुनर की,
तू अपना हुनर आज़मा, या मुझे आज़मा के देख।
मेरी इस इल्तज़ा को तू अनदेखा मत कर,
अपनी इस बला को तू अनदेखा मत कर,
मैं खुद चलकर तेरे दौलत-खाने में आया हूं,
तू भी हिम्मत करके कभी मेरे गरीब-खाने
आने के तो देख।
