आख़िरी इच्छा
आख़िरी इच्छा
पोस्टर और बैनर में मेरा नाम भले न आए,
पर मेरा नाम लोगों के बीच लिया जाए,
इसी एक लालच के लिए लोग कर्म करते हैं,
मरते-मरते जीते हैं, जीते-जीते मरते हैं।
कहीं मेरा नाम लोग भूल न जाएं,
ये चिंता लोगों को दिन-रात सताए,
इसी कारण से बड़ा घर-बार बनाएं,
इसी कारण से बाल-बच्चे ले आएं,
कुछ लोग ऊंची मीनारें चुनवाएं,
कुछ एक लोग ताजमहल बनवाएं।
इस लालच के आगे स्वयं साधु-संत हार जाएं,
सब कुछ त्यागें, ये मोह न त्यागा जाए,
हम सौ साल जिएं शारीरिक रूप से,
पर जेहन में सबके दो-चार सौ साल रहें,
हम आज जो काम की बात कह रहे,
वो बात लोग हमारे मरने के बाद भी कहें।
