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Kamal Purohit

Inspirational

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Kamal Purohit

Inspirational

लक्ष्मीबाई

लक्ष्मीबाई

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सत्तावन की तलवार लिखूँ।

शोणित की बहती धार लिखूँ।

दुश्मन की छाती पर पड़ता,

रानी का इक इक वार लिखूँ।


वह शौर्य भरा शृंगार लिखूँ।

ताकत की भी भरमार लिखूँ।

जो तेज निकलता है उससे,

रोशन होता संसार लिखूँ।


वह देशप्रेम का ज्वार लिखूँ।

या दुश्मन पर फटकार लिखूँ

आज़ादी का बिगुल बजाती,

लक्ष्मी की वह हूंकार लिखूँ।


वह बड़ा अचूक प्रहार लिखूँ।

खल का होता संहार लिखूँ।

लक्ष्मी लिखूँ उसे या दुर्गा?

बस आदि शक्ति अवतार लिखूँ


लक्ष्मी की वो ललकार लिखूँ।

इक बार नही हरबार लिखूँ।

बुंदेलों के मुख से होती,

झांसी की जय जयकार लिखूँ।


वीरों का जब उद्गार लिखूँ।

भारत का तब उद्धार लिखूँ।

सत्तावन से सैतालिस के,

सब वीरों का उपकार लिखूँ।

 



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