जीवन के बाद
जीवन के बाद
बेटों के लिए घर बना लिया,
बेटी के लिए जेवरात बना लिए,
बच्चों का भविष्य अच्छा हो,
उस खातिर खुद का जीवन लगा दिया संघर्षों में,
हुआ बेटा बड़ा उसने घर से निकाल दिया,
जोड़ा पैसा ऐशो आराम में उडा दिया,
अरे जीवन मिला है उसको जी लो,
क्या पता जोड़ों जोड़ों में रह गये,
तो कब जीवन से खिसक लोगे,
क्या देखा तुम्हारे जाने के बाद उनका जीवन कैसा होगा,
सब आए दुनिया में अपने कर्मों का भोग भोगने,
जो जैसा करेगा वैसा ही तो फल पाएगा,
न किसी को भाग्य से ज्यादा न कम मिलता,
जितना लिखा उतना ही तो वो पाएगा।
