परियों की कहानी
परियों की कहानी
परियों की कहानी।
जिसमें ना राजा था ना रानी।।
परियों की कहानी।
आसमान से परियां आई।
देख धरा हरषाई।।
कितनी सुंदर धरती की परियां हैं।
ईश्वर की करामात दिख आई।
एक परी बोली ....
देखों धरा की परियां आई।
कितना लम्बा संघर्ष कर ,
अपने कदमों पर चल पाई।
दूसरी बोली...
अभी भी लाखों ऐसी आई।
जो अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ पाई।
चलने की कोशिश में,
जिनके लिए प्रतिबंधों की लम्बी रेखाएं बनाई।
नन्हीं परी बोली.....
ऐसी प्रथा क्यों है बनाई।
क्यों लड़कियों के अधिकारों पर ,
प्रश्नचिन्ह लगाई।
बोली एक परी...
ऐसी रही जहाँ की रीतियाँ।
युग बदले न बदली कुरीतियाँ।
लडकियों को अपने मापदंडों से,
मापते रहे है।
जो ना मानी उसे बहानों से,
काटते रहे है।
क्या कभी ना कटेगी।
यह कुरीतियों की कारा।
स्त्री -पुरुष का भेदभाव कर,
जिस समाज ने स्वार्थ अपना साधा।
अनुभवी परी बोली।
कटेगी यह कारा।
अगर जहां की परियों ने,
अपने अस्तित्व की अहमियत को निहारा।
