दिसंबर की ठंड के आलिंगन में
दिसंबर की ठंड के आलिंगन में
दिसंबर की रात, पीली और शांत,
कोई तो है जो, ठंड से कांपता है।
बर्फीली साँस चुरा लेती है गर्मी,
चूल्हे की आग भी हो पड़ी ठंडी तो।
बर्फ की तरह पतले धागों से बने कपड़े,
किसी उदासीन तारे की तरह टूटे हुए सपने,
को निगलते रहते हैं।
और, एक क्रूर दोस्त सरीखी हवा,
सर्दी को खुद से लिपटा देती,
फिर भी, जाने कैसे शांत खड़ा है,
दिसंबर की ठंड में,
वह एक अनाम चेहरा।