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Laxmi Tyagi

Tragedy Others

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Laxmi Tyagi

Tragedy Others

रातों का सफ़र

रातों का सफ़र

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रातों का सफर मैं, करता रहा। 

उजालों में, जो न समझ सका।

तन्हा ! मैं रात भर समझता रहा। 

जो न देखा कभी, वह..... 


'' अद्भुत ''सफर चलता रहा। 

 मेरे सपनों का वह सिलसिला,

दिन भर की थकन के बाद भी, 

मैं रातों को सफल करता रहा।

मैं उस अचेतन मन को पढ़ता रहा।


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