मेरा ग़म
मेरा ग़म
अजीब है दर्द दिल का,
यादों के साथ है उठता..
वो वक़्त की मार मरेगा,
ज़ब दौर ए मुकाम गिरेगा...
इतना भी मालूम नहीं उसे,
कि सच्चा प्यार क्या होता है,
वो बेहतर की तलाश में,
कभी इधर कभी उधर होता है..
ज़िन्दगी बेबस नहीं होती,
कुछ लोग अपने बना देते हैं।
