किस्मत..
किस्मत..
इस कदर दूर नहीं थे हम तुम..
फिर भी क़िस्मत ने हमें दूर किया।।
जो नसीब में नहीं वो कहा मिलता है..
इन्सान भी जानता है.. वो प्यार कहां मिलेगा
खुदा की रहमत है.. हमे मिला दिया..
पर यार सच्चा प्यार था हमारा..
जो तूने अपने बेरंग दिल से बिखरा दिया.।
वफ़ा की राह में हमने खुद को अलग कर दिया..
अब डोर ऊपर वाले से बंध गयी है हमारी..
दिन रात उसी की पूजा मे सर्वस्व न्यौछावर किया।
तुम हमेशा खुश रहो अपने जीवन में..
यही दुआ हमने हर बार प्रार्थना में किया।