बदनाम हुस्न - ओ - इश्क़
बदनाम हुस्न - ओ - इश्क़
कहीं हुस्न तो कहीं इश्क़ बदनाम होता है,
खेल जिस्मों का अब सरे-आम होता है।
मुहब्बतों के बाजार में नाम मुहब्बत का,
शहर, गांव, जंगलों तक में नीलाम होता है।
कहीं हुस्न तो कहीं इश्क़ बदनाम होता है,
खेल जिस्मों का अब सरे-आम होता है।
मुहब्बतों के बाजार में नाम मुहब्बत का,
शहर, गांव, जंगलों तक में नीलाम होता है।