फूलों का जलना
फूलों का जलना
ये फूल तुमसे जलने लगे हैं,
देखो जल कर पिघलने लगे हैं।
कि क्यों भंवरों को तेरी सोहबत हो गई है,
तितलियों को तुमसे ही मुहब्बत हो गई है ।
अब तो कलियां भी बहकने लगी हैं,
तेरे बेइंतहा हुस्न से महकने लगी हैं।
हमारा क्या हम इतनी दूर हैं,
हाल -ए- दिल बयां नही कर सकते मजबूर हैं।