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Dobhal Girish

Romance

3  

Dobhal Girish

Romance

फूलों का जलना

फूलों का जलना

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ये फूल तुमसे जलने लगे हैं,

देखो जल कर पिघलने लगे हैं।

कि क्यों भंवरों को तेरी सोहबत हो गई है,

तितलियों को तुमसे ही मुहब्बत हो गई है ।

अब तो कलियां भी बहकने लगी हैं,

तेरे बेइंतहा हुस्न से महकने लगी हैं।

हमारा क्या हम इतनी दूर हैं,

हाल -ए- दिल बयां नही कर सकते मजबूर हैं।


          



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