STORYMIRROR

Dobhal Girish

Romance Fantasy

4.3  

Dobhal Girish

Romance Fantasy

निगाहों से गुनाह

निगाहों से गुनाह

1 min
276


वो ये गुनाह सरे-आम करते हैं,

निगाहों से अपनी कत्ल-ए-आम करते हैं।


चला कर तीर नयनों से,

इल्जाम हमारे नाम करते हैं। 


गिरा कर हूस्न की बिजलियाँ,

क्यों जमाने को बदनाम करते हैं। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance