थोडा ठहर जाओ
थोडा ठहर जाओ
चले जाना अभी ठहरो हमारी बात बाकी है,
सफर है रात भर का और जज्बात बाकी हैं।
अभी एहसास बाकी हैं अभी तो साथ बाकी है,
किये थे तुमने वादे भला क्या याद हैं तुमको।
ये तबस्सुम खेज आँखे और तेरे चेहरे की ये रंगत,
लुटाओगे हम ही पर जो कहा था याद बाकी है।