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Dobhal Girish

Inspirational

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Dobhal Girish

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शायरी सा दिल

शायरी सा दिल

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शीशे का दिल रखोगे तो टूट कर बिखर जाओगे 

मोम का दिल रख कर भी पिघल जाओगे 

दिल रखेगें सोने का तो तप कर निखर जाओगे

गहना बनके मुहब्बत का संवर जाओगे


पथ्थर दिल बनोगे तो ढह जाओगे 

नदियों सा दिल रख कर भी बह जाओगे

दिल रखो समंदर सा तूफानों को सह पाओगे 


दरिया सा दिल रख कर भी क्या पाओगे 

जाकर सागर में समा जाओगे 

इश्क़ के फूल बनके दिलों को महकाओगे

दिल को गर शायरी सा बनाओगे।


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