सुदामा-सी दीनता में, मुफलिसी के ख़्वाब, कहाँ महलों से संभलते हैं। पीड़ा को नित, सन्दर्भ नए मिलते हैं... सुदामा-सी दीनता में, मुफलिसी के ख़्वाब, कहाँ महलों से संभलते हैं। पीड़ा को नित, ...
साखी ये आंसू ख़ुदा कसम इंसानों को खो बैठे है। साखी ये आंसू ख़ुदा कसम इंसानों को खो बैठे है।
क्या तुमसे कहूँ क्या तुमको कहूँ, तुम हो अजीब बस माँ। क्या तुमसे कहूँ क्या तुमको कहूँ, तुम हो अजीब बस माँ।
जाने भी दो अब, बहुत ज़िंदा रह चुकी हूँ मैं। जाने भी दो अब, बहुत ज़िंदा रह चुकी हूँ मैं।
दिल होता जो पत्थर का तो डर नहीं था मुझको कोई मोम से दिल को, चरागों से दोस्ती महँगी पड़ जाएगी दिल होता जो पत्थर का तो डर नहीं था मुझको कोई मोम से दिल को, चरागों से दोस्ती ...
मोम के जैसे सांचों में मैं हूँ ढली मैं ही जननी बनी सृष्टि मुझसे चली जिंदगी में मिली लाख मुश्किल मग... मोम के जैसे सांचों में मैं हूँ ढली मैं ही जननी बनी सृष्टि मुझसे चली जिंदगी में...