मुद्दे कौन उठाएगा?
मुद्दे कौन उठाएगा?
मुझे राजनीति कुछ ज्ञान नही,
मगर ये मुद्दे कौन उठाएगा,
कचरा उठाता हर बच्चा स्कूल कब जाएगा ?
अमीरों का श्वान भी सौ पकवान खाएगा,
गरीब का बच्चा हर रोज,
यूं ही भूखा सो जाएगा,
मुद्दा ये नही कि सरकार कौन चलाएगा,
कोई हर रोज भूखा है, कोई स्कूल नही जाता
किसी को वस्त्र नही, कोई सड़कों पर सोता है,
मुद्दे जो हल नही होते,
इनको कौन उठाएगा?