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ca. Ratan Kumar Agarwala

Tragedy Inspirational

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ca. Ratan Kumar Agarwala

Tragedy Inspirational

याद आता है संयुक्त परिवार

याद आता है संयुक्त परिवार

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याद आता है कभी कभी,

हमारा वह संयुक्त परिवार।

पांचों भाई बहनों का लड़ना,

फिर एक दूसरे को मनाना,


चौके के बाहर नीचे बैठ कर,

दादी के हाथों बने फुल्के खाना,

चाय में डुबोकर ठंडी रोटी खाना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

 

आंगन में लगे जामुन के पेड़ से,

गुलेल मार कर जामुन तोड़ना,

कुंए के पानी से आंगन में नहाना,

छत पर जा कर पतंग उड़ाना,


दिवाली पर खुद दिए सजाना,

दादी का हमसे पूजा करवाना,

सभी बड़ो के पांव स्पर्श करना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

 

दादा दादी की वह डांट मनुहार,

रामनारायण जी का वह दुलार,

पिताजी की गुस्से वाली फटकार,

मां जो करती थी फिर दुलार,


छोटी छोटी बात पर चिढ़ जाना,

घंटो दादाजी के पैर दबाना,

यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल जाना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

 

दादाजी पिताजी का साथ वोट देने जाना,

१९७१ के युद्ध में विमानों का उड़ना,

आपातकाल में बाल छोटे रखना,

पिताजी का साइकिल चलाना,


पिताजी के साथ पिक्चर देखना,

सामने की दुकान से पेड़े लाना,

स्कूल की बेग ले जाना भूल जाना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

 

पिताजी के साथ लूडो खेलना,

प्लाईबोर्ड लगाकर टेनिस खेलना,

दादाजी के संग तास खेलना,

रामनवमी में रसगुल्ले खिलाना,


दादी के साथ खेल में बेईमानी करना,

गलती करके पिताजी को खुद ही बता देना,

मां का मलाई बड़े भाई को देना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

 

दादाजी के पेट पर सो जाना,

भुवा का कभी कभी घर पर आना,

नानाजी का दादाजी से बतियाना,

भुवा दादी का वह पेट सहलाना,


डायना बंदूक से कौवे का मर जाना,

दादी का घंटों गुलाब जामुन बनाना,

कभी कभी दादी का पीहर जाना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

 

पास के जैन मंदिर में जाना,

दोस्तो के संग नदी किनारे घूमना,

कभी मृणाल के घर चले जाना,

कभी मृणाल का घर को आना,


दोस्तो संग बैठकर चाय पीना,

याद आता है विजय दशमी में नदी पार जाना,

विसर्जन के बहाने सिनेमा देखने जाना,

याद आता है वह संयुक्त परिवार।

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बहुत याद आता है हमारा वह संयुक्त परिवार।


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