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Priyanka Dhibar

Abstract Romance Tragedy

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Priyanka Dhibar

Abstract Romance Tragedy

यादें कभी मिटती नहीं

यादें कभी मिटती नहीं

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कभी यादें कभी बातें, कभी पिछ्ली मुलाक़ाते।

बहुत कुछ याद आता है तेरे याद आने से।।


तुम्हारे नाम से मोहब्बत की है,

तुम्हारे एहसास से मोहब्बत की है।

तूम मेरे पास नहीं हो फिर भी

तुम्हारे यादों से मोहब्बत की है।।

जितना तुम्हे किसी ने चाहा भी न होगा

उतना तो सिर्फ तुम्हे मैं याद करती हूँ।

भरोसा तो अपनी सांसों का भी नहीं है

जितना मैं तुम पर करती हूँ।।

मोहब्बत तो मोहब्बत है

हमेशा तुमसे रहेगी।

नाराज़गी हो या बेरुख़ी जिंदगी

तुम्हे कभी मैं भूल न पाऊंगी।।

हमने कब चाहा की वह शक्स हमारा हो जाये,

हमने तो चाहा बस इतना दिख जाए की आखों का गुजारा हो जाये !

बहुत सोच कर सोचा है की किनारा कर लिया जाये,

अब तुम्हारे यादों से ही गुजारा कर लिया जाये।

एक वक़्त वह था जब अजनबी थे हम दोनों,

चलो वही हाल अब फिर से क्यूँ ना दोबारा कर लिया जाये !!

अब तो तुम्हें फ़ुरसत भी नहीं मिलती की बस एकबार पलट कर हमें देखें,

हम ही तुम्हारे दिवाने है बस दिवानी बने रहते हैं।

कभी फ़ुरसत मिले तो तुम भी तड़प कर देखों किसी की चाहत में,

पता चले की ये इंतज़ार आख़िर होता क्या है !

तुम्हारा याद आए तो दिल क्या करे,

अगर याद दिल से न जाये तो दिल क्या करे।

तुमसे अच्छी तो तुम्हारा यादें है

जो जिंदगी भर साथ नहीं छोड़े।

पता है कि तुम अब कभी नहीं मिलेगा

अब इन यादों के सहारे ही मुझे जीना पड़ेगा।।


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