आओ मिलकर पेड़ लगाते हैं
आओ मिलकर पेड़ लगाते हैं
पेड़, जो धुप में छओ
गर्मी में खुली ताजा हवा
और जिंदा रहने के लिए श्वास
सबकुछ इकट्ठा कर देते है
तो फिर आओ मिलकर पेड़ लगाते हैं।।
पेड़, जो है पंछियों का आवास
फलों फूलों की संभार
तितलियों का आधार
जो अकेले ही सौ के बराबर होते हैं
फिर आओ मिलकर पेड़ लगाते हैं।।
पेड़, जो माँगते कुछ नही सिर्फ देते है
जो कभी कुछ उलझते नही बल्की सूलझते है
जो हर गुणों की टोकरी है
जिसकी महत्व बेमिसाल होते है
आओ मिलकर हम पेड़ लगाते हैं।।
पेड़, जो हर कदम पे साथ देते हैं
खुद झुक कर हमे उठाते हैं
जीवन को सफल बनाते हैं
और आओ मिलकर पेड़ लगाते हैं।।
