हमारी अधूरी कहानी
हमारी अधूरी कहानी
आज मैं अपने दिल के दर्द को हँसकर छुपा लेती हूँ,
आज बिछड़ना न होता तो प्रेम की कविताएँ लिखती,
हाँ, वह आज मेरे साथ तो नहीं है
लेकिन अभी भी मेरे दिल के बहुत करीब है ।
तुमने मुझे जो गुलाब दिया था,
मैं अभी भी इसका ख्याल रखती हूँ,
हाँ, आज शायद वह सूख गया है,
लेकिन उन दो पलों की यादें आज भी ज़हन में ताजा हैं ।
वह पहली मुलाकात, वह पहला करीब आना,
और घंटों तक फ़ोन पर बातें करना,
आँखों में आँखें डालकर एक दूसरे को देखना,
और मुझे देख कर यूँ ही बेवजह तुम्हारा मुस्कुराना,
तुम्हारे साथ बिताया हर लम्हा आज भी सताता है मुझे ।
तुमने भी मुझे थोड़ी देर के लिए गले लगाया था,
मैं भी कंधे पर सिर रखकर कुछ देर रोई थी,
हमारे बीच ऊँच-नीच की बातचीत भी होती थी,
लेकिन प्यार भी तो था बेहिसाब ।
वह हर पल, हर याद आज भी मेरे साथ है,
मैं जिंदा तो हूँ लेकिन वह जान अब मुझमें नहीं है ।
दिन पर दिन बीतता है, रात भी कटती है,
और मैं तुम्हारी न होकर भी,
हर लम्हा आज भी तुम्हीं में खोई हूँ,
एक और रात ढल गयी, एक और दिन गुज़र गया,
और हमारी अधूरी कहानी अधूरी ही रह गई ।