सदमा
सदमा
अपने दोस्तों के संग
समुद्र तट पर पार्टी करने के
पश्चात
कार से घर हंसती खेलती, गाते बजाते वापस लौट रही
नेहा लता मल्होत्रा की कार
हादसे का हो जाती शिकार और
सिर पर गंभीर चोट आने के फलस्वरूप
वह चली जाती अपनी बचपन की
अवस्था में
अस्पताल में पहचान नहीं पाती
वह अपने मां बाप को भी
उसके मां बाप पल भर में
यह समझ जाते कि
उनकी बेटी का मानसिक संतुलन
बिगड़ गया है और
उसकी याददाश्त चली गई है
इलाज के दौरान
नेहा लता का हो जाता
अपहरण और
उसे बेच दिया जाता
एक वेश्यालय में
सोमू अपने एक पुराने दोस्त से
मिलता है जो
उसे आराम के कुछ पल बिताने के लिए
ले जाता वेश्यालय में
जहां सोमू के कमरे में नेहा लता को
रेशमी नाम से भेजा जाता
रेशमी सोमू को सब कुछ
साफ साफ बता देती कि
यह काम उससे जबरदस्ती कराया जा
रहा है
सोमू उसे जैसे तैसे वहां से छुड़ाकर
अपने साथ ऊंटी ले आता
जहां वह एक शिक्षक के रूप में
काम कर रहा होता है
वह उसकी मानसिक स्थिति को
समझते हुए उसकी देखभाल
एक बच्चे की भांति ही करता
सोमू को रेशमी से कब
सच्चा प्यार हो जाता
यह उसे मालूम ही नहीं पड़ता
सोनी स्कूल के अधेड़ हेड मास्टर की
एक निराश पत्नी होती जो
सोमू पर डोरे डालती रहती लेकिन
सोमू उसकी गिरफ्त में नहीं आता
रेशमी का दिल बहले
कोई उसके साथ खेले
इसके लिए एक कुत्ते के बच्चे को
जिसका नाम होता हरिप्रसाद को
घर पर रख लेते
बलुआ जो वहां का एक स्थानीय लकड़हारा
होता
वह रेशमी पर बुरी नजर रखता
सोमू उसकी बुरी नीयत के
बारे में जानकर
रेशमी की उससे रक्षा करता
नेहा लता के पिता पुलिस के
साथ मिलकर अपनी बेटी की तलाश
लगातार कर रहे होते
इससे संबंधित विज्ञापन को देख
एक मुसाफिर जो सोमू और रेशमी
के साथ ऊंटी तक आया होता
नेहा लता के पिता को फोन कर
सोमू के रहने के ठिकाने की जानकारी
दे देता
सोमू रेशमी को इलाज के लिए
एक डॉक्टर के पास छोड़ देता
नेहा लता के पिता पुलिस के साथ
वहां पहुंच जाते
इस बीच रेशमी की याददाश्त
वापस आ जाती
पुलिस सोमू के घर पहुंचती लेकिन
वह वहां नहीं मिलता
वह दूर से सब देख रहा होता
नेहा लता हादसे के बाद से लेकर
ठीक होने के बीच की सारी बातें
भूल चुकी होती
डॉक्टर पिता को बताते कि
सोमू ने उनकी बेटी का
अच्छी तरह ख्याल रखा
यह सुन नेहा लता के पिता
सोमू के खिलाफ
पुलिस में दर्ज मामले को वापस
ले लेते हैं और
बेटी के साथ वापस घर जाने
के लिए कार से निकल पड़ते हैं
सोमू उन सबको कार में जाता देख
पीछा करता है
कार का पीछा करते सोमू को चोट
भी लग जाती है
रेशमी उर्फ नेहा लता
सोमू को पहचान नहीं पाती और
उसे कोई पागल है
यह समझती है
वह उसका ध्यान पाने की
बहुत कोशिश करता है
कभी उसके साथ जो बंदर का
खेल करता था
उसे करके दिखाता है लेकिन
उसको कुछ भी याद दिलाने में
असमर्थ रहता है
सोमू अकेला रह जाता है
उसका दिल बुरी तरह से टूट जाता है
उसका एक तरफा प्यार
सदमे का शिकार हो जाता है।
