बिन तेरे अब रहा न जाए
बिन तेरे अब रहा न जाए
क्या कहूँ कुछ कहा न जाए ,बिन तेरे अब रहा न जाए
चल रही बिन पतवार की नाव ,हवा का झोंका अब सहा न जाए,
क्या कहूँ कुछ कहा न जाए। ढूंढते - ढूंढते रास्ते भी कम पड़ गए ,
जायें भी तो तुम ही बताओ कहाँ हम जाएं !
नटखट, शरारती और कोमल ह्दय वाली प्रेमिका हम कहाँ पाएं !
बिन तेरे अब रहा न जाएं क्या कहूँ कुछ कहा न जाए !
अकेलेपन में बित रही पल- पल ! दूरी हमसे अब सहा न जाए ,
दुनिया की सारे बंधने ढह रही तो ढहा अब जाए,
तुझे पाने खातिर दुनिया की रीत की परवाह नहीं।
तैयार रहना आ रहा हूँ ,तुझे लेने ।
इंतजार की घडिय़ाँ खत्म हुई अब तेरे साथ ही जिया जाए।
क्या कहूँ कुछ कहा न जाए ! बिन तेरे अब रहा न जाए।
