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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Inspirational

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Govardhan Bisen 'Gokul'

Abstract Inspirational

मेरे गुरुदेव

मेरे गुरुदेव

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मेरे गुरुदेव तुम, जगत में महान।

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।धृ।।


जनपद आगरा में, आँवलखेडा ग्राम।

जन्म हुआ यहां पर, रखे श्रीराम नाम।।

पिता रुपकिशोर के, पुत्र तुम महान। 

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।१।।


माता दानकुंवरी ने, दिया तुम्हें आकार।

जीवन जीने की कला, और दिया संस्कार।।

बचपन में ही मिला, तुम्हें सेवा का ज्ञान।

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।२।।


कुष्ठ रोगी महिला की, नित्य सेवा करते।

विरोध हुआ फिर भी, व्रत नहीं छोड़ते।।

सभी युवाओं के लिए, हो बने आयकान।

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।३।।


पंद्रह की उमर में, साधना स्थल पर।

हुयी बड़ी कृपा दृष्टि, गुरु की तुमपर।।

गुरु के छाया में ही, किये तप महान।

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।४।।


विभिन्न विषयों पर, तैत्तीस सौ किताब।

लिखे तुमने गुरुजी, सद्ज्ञान का सैलाब।।

सबसे आगे जग में, हो आचार्य  विद्वान ।

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।५।।


धरती पर ही  स्वर्ग, मनुष्य में  देवत्व।

गायत्री परिवार का, यह है मुल तत्व।।

मेरे मार्गदर्शक हो,  गुरुजी भगवान। 

तुम्हारी चरण धूल, मेरे माथे की शान।।६।।



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